
शोध, नवाचार और कौशल विकास की दिशा में एक नया अध्याय
जौनपुर, 1 नवम्बर :
जौनपुर स्थित मो० हसन पी.जी. कॉलेज और इंस्टिट्यूट ऑफ एमिनेंस साइंस एंड रिसर्च (IESR) के मध्य आज एक ऐतिहासिक एमओयू (Memorandum of Understanding) पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता शैक्षणिक और अनुसंधान सहयोग को सुदृढ़ करने, नवाचार को प्रोत्साहन देने तथा छात्रों के शोध एवं तकनीकी कौशल के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
यह एमओयू कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अब्दुल कादिर खान एवं आईईएसआर के डायरेक्टर ऑफ रिसर्च डॉ. अमित कुमार चतुर्वेदी द्वारा हस्ताक्षरित किया गया। यह सहयोग समझौता आगामी पाँच वर्षों तक प्रभावी रहेगा।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्राचार्य डॉ. अब्दुल कादिर खान ने कहा कि इस समझौते से फैकल्टी ऑफ साइंस के अंतर्गत संचालित विषयों — बायोटेक्नोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, जूलॉजी और बॉटनी — के विद्यार्थियों को नई दिशा और अवसर प्राप्त होंगे। एमओयू के तहत इंटर्नशिप, छात्र प्रशिक्षण, और उन्नत प्रयोगशाला तकनीकों का व्यावहारिक अनुभव प्रदान किया जाएगा, जिससे विद्यार्थी भविष्य में इंडस्ट्रियल करियर एवं उच्च अनुसंधान संस्थानों में बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे।
डॉ. अमित कुमार चतुर्वेदी, डायरेक्टर ऑफ रिसर्च, आईईएसआर ने बताया कि इस सहयोग के अंतर्गत छात्रों को नेक्स्ट जेनरेशन सीक्वेंसिंग, एडवांस मॉलिक्यूलर बायोलॉजी, जीन एक्सपर्ट, फॉरेंसिक साइंस, डीएनए एनालिसिस, नैनोटेक्नोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी और बायोइन्फरमेटिक्स जैसी अत्याधुनिक तकनीकों पर हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग दी जाएगी। उन्होंने कहा कि “यह पहल छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए ज्ञान, कौशल और प्रयोगात्मक क्षमता को विस्तार देने का उत्कृष्ट अवसर होगी।”
आईईएसआर के मैनेजर श्री युवांक प्रताप सिंह ने बताया कि आईईएसआर के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ग्रेटर नोएडा, नोएडा, दिल्ली, बेंगलुरु और पटना में संचालित हैं, जहाँ विद्यार्थियों को नवीनतम जीवन विज्ञान तकनीकों का प्रशिक्षण एवं प्रयोगात्मक शिक्षा प्रदान की जाती है। उन्होंने कहा कि “हमारा उद्देश्य छात्रों को ग्लोबल स्टैंडर्ड की लैब ट्रेनिंग देना है ताकि वे देश-विदेश की प्रतिष्ठित इंडस्ट्री और रिसर्च लैब्स में सफलता प्राप्त कर सकें।”
बायोटेक्नोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. अभिषेक कुमार श्रीवास्तव ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि “आज का यह एमओयू छात्रों के लिए शैक्षणिक समृद्धि और शोध उत्कृष्टता की नई दिशा तय करेगा।” उन्होंने बायोटेक्नोलॉजी क्षेत्र में उभरती तकनीकों की महत्ता और उनके सामाजिक उपयोग पर भी प्रकाश डाला।
कार्यक्रम का संचालन एमएससी की छात्राएँ मुबरम खान और रिषिका साहू ने कुशलतापूर्वक किया।
इस अवसर पर डॉ. जीवन यादव, डॉ. ममता सिंह, डॉ. निलेश सिंह, डॉ. सतीश चन्द्र दूबे, डॉ. धर्मेन्द्र जैसवाल, डॉ. चन्द्रशेखर सिंह, डॉ. मयंक सिंह, डॉ. वैशाली सिंह, इफ्फत ज़कीरा, अलीशा सहित विज्ञान संकाय के सभी सदस्य उपस्थित रहे।
यह एमओयू दोनों संस्थानों के बीच शैक्षणिक सहयोग, नवाचार और अनुसंधान उत्कृष्टता की दिशा में दीर्घकालिक एवं सार्थक साझेदारी की नींव रखता है।