
शहर के ट्यूलिप हॉस्पिटल मे सास का ईलाज कराने आई बहू की वाटर कूलर मे प्रवाहित करेंट से हुई मौत ; परिजनों में मचा कोहराम
सिटी कोतवाली पुलिस मौके पर,; जिले का स्वास्थ महकमा व पुलिस जांच मे जुटी
अस्पताल के वाटर कूलर से पानी लेने गई महिला की करेंट लगने से मौत, चिकित्सकों ने नहीं लगाया हाथ! मानवता हुईं शर्मशार; आखिर शहर के निजी अस्पतालो में कब तक मरते रहेंगे बेकसूर.
सिस्टम से बड़ा सवाल? पूछता है जौनपुर?
जौनपुर — आज शहर के नईगंज स्थित एक निजी अस्पताल में चिकित्सालय प्रबंधन की बड़ी लापरवाही के चलते अपनी सास का इलाज कराने आई बहू की अस्पताल में लगे वाटर कूलर की चपेट में आने से अपनी जान गंवानी पड़ी।
अभी तक उपचार में लापरवाही से मरीजों की मौत की खबरें तो आती रही है , लेकिन आज शहर कोतवाली क्षेत्र के नईगंज स्थित ट्यूलिप हॉस्पिटल में एक महिला की वॉटर कूलर से पानी लेते समय अस्पताल के प्रबंधन की घोर लापरवाही के चलते जान गंवानी पड़ी ;जो अस्पताल प्रबंधन पर बड़ा सवाल खड़ा करता हैं। बताते तो यह भी हैं की यह निजी अस्पताल जहां बेसमेंट में भी मरीजों के इलाज किए जाने का आरोप है,वह विधिवत आयुष्मान भारत योजना से भी आच्छादित है;जो जांच व कार्यवाही का अहम विषय है l

सूत्रों के मुताबिक जनपद के सरपतहा थाना क्षेत्र के सुइथा गांव निवासी लालती देवी इलाज के लिए भर्ती थीं; साथ में बेटा प्रदीप गौड़, बहू गुड़िया समेत पूरा परिवार मौजूद था। आज प्रात: सुबह करीब दस बजे महिला पानी भरने के लिए हॉस्पिटल परिसर में लगे वाटर कुलर के पास पहुंचे; जहां सकरी जगह में दो बड़े जनरेटर सेट के बीच वाटर कुलर लगाया गया था;जहां पानी भरते वक्त गुड़िया नामक महिला की विद्युत करेंट की चपेट में आने से दर्दनाक मौत हो गई।

मृतक के परिजनों का आरोप है कि करेंट लगने के बाद डॉक्टर व स्टाफ ने जीवन व मौत से संघर्ष कर रही विवाहिता का उपचार करने से भी मना कर दिया,जो चिकित्सालय प्रबंधन पर कई अहम सवाल खड़ा करता है । सूचना मिलते ही मय फोर्स मौके पर पहुंचे शहर कोतवाल विश्वनाथ सिंह ने महिला को जिला अस्पताल भिजवाया, जहां डॉक्टरों ने देखते ही मृत घोषित कर दिया।
इस दर्दनाक मौत की खबर मिलते ही परिजनो में कोहराम मच गया , गुस्साये परिजनों ने ट्यूलिप हॉस्पिटल में जमकर हंगामा किया। आरोप है कि अस्पताल ने सुरक्षा मानकों की खुलेआम अनदेखी की है। सकरी जगह में जनरेटर और वाटर कुलर लगाने से यह हादसा हुआ, जिससे साफ है कि अस्पताल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग दोनों की लापरवाही ने एक महिला की जान ले ली।
यह मामला न सिर्फ अस्पताल प्रशासन की घोर लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि स्वास्थ्य विभाग की ढीली निगरानी, मानक के विपरीत अस्पताल संचालन का लाइसेंस और सिस्टम की नाकामी पर भी बड़ा सवाल खड़ा करता है। जनपद के प्रबुद्धजनों ने प्रदेश सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ से मांग किया है की शहर के सिटी कोतवाली क्षेत्र के नईगंज में सब्ज़ी मंडी की तरह कई दर्जन मानक विहीन निजी नर्सिंग होम की जांच राज्य मुख्यालय से भरोसेमंद अधिकारियों की टीम गठित कर कराते तो सही तस्वीर जहां सामने आती वहीं आए दिन जिले में उपचार के नाम किन्हीं न किन्ही कारणों हो रही बेकसूर जनता की मौत से निजात भी मिल जाती,जिससे शासन सत्ता के प्रति जनता में एक अच्छा संदेश जाता।