आखिर खण्ड शिक्षा अधिकारियों की जांच में क्यों नहीं मिलती है खामियां ?

बीएसए की जांच में मिलने वाली खामियों ने खण्ड शिक्षा अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए –

आखिर खण्ड शिक्षा अधिकारियों की जांच में क्यों नहीं मिलती है खामियां ?

मुंगराबादशाहपुर जौनपुर । जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डा० गोरखनाथ पटेल द्वारा किए जाने वाले परिषदीय विद्यालयों की जांच में जहां व्यापक पैमाने पर खामियां पाई जा रही है तथा अनियमितता बरतने वाले शिक्षकों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाती है वहीं दूसरी ओर खण्ड शिक्षा अधिकारियों को जांच के दौरान खामियां नहीं मिल पाना उनकी कार्यप्रणाली पर ही गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। कारण की खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा जिन ओके परिषदीय विद्यालयों को ओके करार दिया जाता है उन्हीं परिषदीय विद्यालयों में जब भी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डा० गोरखनाथ पटेल द्वारा जांच की जाती है तो तमाम खामियां सामने आ जाती है । इसके पीछे क्या रहस्य है। कहीं खण्ड शिक्षा अधिकारी की सरपरस्ती में ही तो परिषदीय विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था बेपटरी नहीं होती जा रही है ?।को लेकर लोगों में तरह तरह के सवाल उठने लगे है। खण्ड शिक्षा अधिकारी विद्यालयों का निरीक्षण विद्यालय पर जाने की बजाय अपने कार्यालय में ही करते हैं अथवा निरीक्षण के दौरान खामियां मिलने पर सम्बन्धित शिक्षक से ले देकर मामला रफा-दफा कर देते हैं ,इसे तो बखूबी वही बता सकते हैं। फिलहाल जिले के तेज तर्रार मानें जाने वाले जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डा० गोरखनाथ पटेल जब भी परिषदीय विद्यालयों के निरीक्षण में निकलें है तो उन्हें व्यापक पैमाने पर खामियां मिलीं है तथा उन्होंने अनियमितता बरतने वाले शिक्षकों के विरुद्ध कार्यवाही करने में भी कोई गुरेज नहीं किया। लोगों का कहना है कि जिस तरह जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डा० गोरखनाथ पटेल अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं यदि उसी तरह खण्ड शिक्षा अधिकारी भी करने लगे तो निश्चित रूप से परिषदीय विद्यालयों की दशा और दिशा परिवर्तित हो जाएगी। बशर्ते…?। यदि खण्ड शिक्षा अधिकारी मुंगराबादशाहपुर के क्रिया कलापों पर एक नजर डालें तो पता चलता है कि विकास खण्ड मुख्यालय के आस पास तक के विद्यालयों के शिक्षक भी पूरी तरह मनमानी पर उतारू है। जबकि सुदूर विद्यालयों की क्या स्थिति होगी सहज अनुमान लगाया जा सकता है। कुछ परिषदीय विद्यालयों को छोड़कर अधिकांश विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक कब उपस्थित मिलेंगे और कब चले जाएंगे । इसका कोई समय निश्चित नहीं है। परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक विद्यालय समय में भी सड़कों पर फर्राटा भरते देखे जा सकते हैं। लेकिन खण्ड शिक्षा अधिकारी का इससे कोई लेना-देना नहीं । लोगों की मानें तो एक शिक्षक तो अधिकांशतः अपने विद्यालय में बच्चों को शिक्षित करने की बजाय पूरे दिन खण्ड शिक्षा अधिकारी की छाया बन उनसे कंधा से कंधा मिलाकर साथ साथ चलते हैं । चाहे जिला मुख्यालय पर जाना हो चाहे न्यायालय कार्य से माननीय उच्च न्यायालय जाना हो। सूत्रों की मानें तो विकास खण्ड के लगभग एक दर्जन से अधिक विद्यालयों के शिक्षक बिना विद्यालय आए ही खण्ड शिक्षा अधिकारी की सरपरस्ती में घर बैठे वेतन उठा रहे हैं। जिसके लिए उन्हें अपनी जेब जरूर ढीली करनी होती है। फिलहाल क्षेत्रीय प्रबुद्ध जनों ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डा० गोरखनाथ पटेल का ध्यान आकृष्ट कर मुंगराबादशाहपुर विकास खण्ड के कतिपय विद्यालयों के शिक्षकों की मनमानी पर अंकुश लगाने तथा उन विद्यालयों की बेपटरी होती जा रही शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने हेतु ठोस कदम उठाने की मांग की है।

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