
लखनऊ/ जौनपुर – भारत के प्रधानमंत्री के द्वारा लोक कल्याणकारी राज्य की संकल्पना को साकार बनाए जाने हेतु बार-बार सुझाव निर्देश भिन्न-भिन्न प्रकार के अवसरों पर दिये जा रहे हैं, जिसके क्रम में स्टाम्प एवं निबंधन विभाग के मंत्री रविन्द्र जायसवाल जी के तत्सम्बन्धी प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अनुमोदन के उपरान्त उत्तर प्रदेश राज्य में स्टाम्प वाद समाधान योजना दिनांक 31.03.2025 तक प्रभावी है।
स्टाम्प वाद निर्णय करने वाले समस्त न्यायालय इससे आच्छादित है। इस योजना के अन्तर्गत जो पक्षकार सदाशयता पूर्वक अपने निर्णित स्टाम्पवाद में कमी स्टाम्प शुल्क एवं वास्तविक अदायगी तिथि तक के देय व्याज को जमा करने के लिए संबंधित न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत करता है तो उसे अर्थदण्ड के रूप में मात्र रू0 100/= जमा करने होंगे।
भारतीय स्टाम्प अधिनियम की धारा 47 यह प्राविधानित करती है कि स्टाम्प वाद निर्णित किये जाने संबंधी समस्त औपचारिकता को पूरा करने के बाद यदि इंगित आरोपित कमी सही पायी जाती है तो पक्षकार को कमी शुल्क के साथ वास्तविक अदायगी दिनांक तक देय ब्याज जो 1.5% प्रतिमाह है (निष्पादन दिनांक से) के साथ-साथ आरोपित कमी के 4 गुने तक अर्थदण्ड भी लगाये जाने की व्यवस्था है।
इस अर्थदण्ड के बोझ तले संबंधित पक्षकार अपने के असहज एवं असमंजस की स्थिति में पाता है। जन प्रतिनिधियों द्वारा स्टाम्प एवं निबंधन विभाग के मंत्री रविन्द्र जायसवाल को इस स्थिति से अवगत् कराया, जिसके क्रम में स्टाम्प वाद समाधान योजना के अन्तर्गत मात्र रू0 100/= (सौ रूपया) अर्थदण्ड का शासनादेश निर्गत कर विभागीय मंत्री द्वारा टैक्स अदा करने वाले पक्षकारों को बड़ी राहत प्रदान की गई। इस योजना की समीक्षा हेतु उप महानिरीक्षक निबंधन वाराणसी का आगमन जौनपुर में हुआ एवं सहायक महानिरीक्षक निबंधन द्वारा अवगत् कराया गया कि अब तक जिलाधिकारी कोर्ट में 20, अपर जिलाधिकारी (वि0/10) कोर्ट में 39 व सहायक महानिरीक्षक निबंधन में 46 प्रार्थना पत्र इस योजना के तहत प्राप्त हुए हैं, जिसमें कुल 7751947.00 रू0 की धनराशि राजकोष में जमा करायी जा चुकी है। जिसमें पक्षकारो ने मात्र रू0 100/= टोकन अर्थदण्ड जमा कर राहत महसूस किया है।