
जौनपुर। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व ने बताया कि सर्पदंश से बचाव हेतु क्या करें। सबसे पहले पीड़ित व्यक्ति को सोने न दें एवं किसी भी प्रकार की शारीरिक क्रिया न करने दें। जिस व्यक्ति को सांप ने काटा है, उसकी घबराहट को दूर करें, क्योंकि उसे जितनी घबराहट होगी, उतनी तेजी से उसके शरीर में जहर फैलता जायेगा। घाव को साबुन एवं साफ पानी से धोयें। मरीज के घाव से किसी भी प्रकार की छेड़-छाड़ न करें। पीड़ित व्यक्ति को नजदीक के चिकित्सालय ले जायं जहां डाक्टर एवं एण्टीवेनम उपलब्ध हों। साथ ही एम्बुलेंस को 1070/112 पर काल करें। क्या न करें:- सांप के जहर को कभी भी चूसकर निकालने की कोशिश न करें। अपने मन से किसी भी प्रकार की दवाई मरीज को न दें। पीड़ित व्यक्ति के सर्पदंश वाले भाग पर किसी भी प्रकार का मलहम न लगायें। सपेरे अथवा तांत्रिक के चक्कर में न पडे़। सांप को अकेला छोड़ दें। कई बार सांप के ज्यादा नजदीक आने के कारण लोग सर्पदंश का शिकार बन जाते हैं। अपने हाथ व पैर को उन स्थानों से यथासंभव दूर रखे। जहॉ आपकी दृष्टि न पड़ती हो, जब तक आप सांप की आक्रमण परिधि से सुरक्षित दूरी पर न हों, पत्थर व लकड़ी से मारने का प्रयास न करें। यदि मजबूत चमडे़ के जूते न पहने हों तो ऊंची घास वाले स्थानों से दूर रहें। जहॉ तक संभव हो, स्वयं को पगडण्डियों तक सीमित रखें।