
जौनपुर:वर्तमान में कैंसर के मरीज और लंबे समय तक आईवी का उपयोग करने वालों के लिए पीआईसीसी की टिप कहां हैं यह देखने के लिए उन्हें रेडियोलॉजिस्ट के पास जाना होता है, जिसकी वजह से देरी, कामकाज प्रभावित होना और मरीज को असहजता होती है। शर्लॉक थ्री सीजी प्लस इन्हीं चुनौतियों का समाधान पेश करते हुए डॉक्टरों को पीआईसीसी लाइन और टिप प्लेसमेंट को बेडसाइड पर ही लाइव ट्रैक करने की सुविधा देता है। इस नई तकनीक से टिप मालपोजिशन (गलत स्थान पर टिप लगने) की दर में भी कमी आएगी और जब जरूरत हो तब उसे तुरंत रिपोजिशन भी किया जा सकेगा।
पत्रकारों से बात करते हुए अतुल ग्रोवर ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में आगे बढ़ने की हमारी प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए बीडी इंडिया ने लगातार नई तकनीक को आगे लाने और एचपीसी को प्रशिक्षित करने का काम किया है, जिससे मरीजों को बेहतर सेवा प्रदान की जा सके। हमें भरोसा है कि भारतीय चिकित्सकों को हम ऐसी तकनीक का सहयोग देंगे, जो बदलती जरूरतों के अनुरूप हो और मरीज को आरामदायक अनुभव देकर चिकित्सा के बेहतर नतीजे प्रदान करे।