
सिविल न्यायालय मे 20 दिसंबर-2024 सुनवाई की तिथि निर्धारित
जौनपुर-सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के अटाला माता मंदिर प्रकरण मे में जनपद सिविल जज सीनियर डिवीजन कोर्ट के आदेश पर वादी अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने मुनादी व प्रकाशन के लिए पैरवी कर समाचार पत्र में नोटिस प्रकाशित कराकर पत्रावली में संलग्न करा दिया। अदालत मे सुनवाई तिथि 20 दिसंबर-2024 निर्धारित है। बता दे की अदालत मे पिछली तारीख पर पोषणीयता व क्षेत्राधिकार पर निर्णय आना था लेकिन फैसला टल गया। कोर्ट ने प्रकाशन व मुनादी का आदेश दिया था कि मोहल्ला रिजवी खां तथा उसके आसपास के व्यक्ति इस मामले में हितबद्ध हैं।
बता दे की मुकदमा वादी अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने अदालत मे बहस के समय कहा था कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के प्रथम महानिदेशक अलेक्जेंडर कनिंघम ने अपनी रिपोर्ट में अटाला मस्जिद को अटाला देवी मंदिर बताया है ,जिसका निर्माण कन्नौज के राजा जयचंद राठौर ने करवाया था। अंग्रेज़ अधिकारी जे0 पी0 हेविट और ई0 बी0 हावेल ने अटाला मस्जिद की शिल्प कला को हिन्दू शिल्पकला बताया है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की रिपोर्ट में अटाला देवी मंदिर के अनेक फोटोग्राफ दिए गए है जिनमें शंख, त्रिशूल, षटदल कमल, गुड़हल के फूल, बंधन बार आदि दिए गए है’ जो कि हिन्दू शिल्पकला है। शहर की अटाला मस्जिद की जमीन राजस्व अभिलेखों में जामा मस्जिद के नाम से दर्ज है, जिसकी स्वामित्व फिलहाल केंद्र सरकार के पास है। जौनपुर शहर की अटाला मस्जिद का वक़्फ़ एक्ट 1995 की धारा -4 के तहत अभी तक कतिपय कारणो से सर्वे नहीं हो सका है , ऐसे मे केस पर वक़्फ़ कानून लागू नहीं होता है। शहर की अटाला मस्जिद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधीन संरक्षित स्मारक है, पूजा स्थल एक्ट’1991 इस पर लागू नही होता ऐसे विधि विशेषज्ञो का मत है।