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वाराणसी---- वाराणसी के सिगरा में हुए बहुचर्चित भाजपा नेता पशुपतिनाथ सिंह की हत्या मामले में वाराणसी की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने शुक्रवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए सभी 16 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। अदालत ने इस हत्याकांड को गंभीर अपराध मानते हुए आरोपियों को दोषी करार देते हुए यह सजा दी।

बता दें की 12 अक्टूबर 2022 की शाम को भाजपा नेता पशुपतिनाथ सिंह की हत्या सिगरा थाना क्षेत्र के जयप्रकाश नगर कॉलोनी में उनके घर के पास स्थित देशी शराब के ठेके पर हुईं थी,सार्वजनिक रूप से शराब पीने को लेकर पशुपतिनाथ सिंह ने आपत्ति जताई थी। इसी बात को लेकर विवाद हुआ, जो देखते ही देखते खूनी संघर्ष में बदल गया।

लोहे की रॉड, लाठी-डंडों से किया गया था हमला
घटना के दौरान मंटू सरोज, राहुल सरोज और उनके अन्य साथियों ने मिलकर लोहे की रॉड, लाठी-डंडों से भाजपा नेता पर हमला बोल दिया। उस वक्त उनके पुत्र राजकुमार सिंह बीच-बचाव करने पहुंचे तो हमलावरों ने उन पर भी हमला कर दिया, जिसमें राजकुमार गंभीर रूप से घायल हो गए थे। पिता को BHU के ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

मृतक के बेटे ने बताए थे हमलावरों के नाम
घायल राजकुमार सिंह ने पुलिस को दिए गए बयान में सभी हमलावरों के नाम स्पष्ट रूप से बताए थे। इस आधार पर मृतक के दूसरे बेटे रूद्रेश कुमार सिंह की तहरीर पर सिगरा पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया था।

उपमुख्यमंत्री ने जताई थी संवेदना
इस हृदयविदारक घटना के बाद सूबे के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य शोक संतप्त परिवार से मिलने पहुंचे थे और परिवार को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया था। इस हृदय विधायक घटनाक्रम से पूरे शहर के लोग विचलित हुए थे हत्याकांड की निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर भाजपा, वह क्षेत्र के संभ्रांत लोग लगातार लगे थे

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फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सबूतों और गवाहों के आधार पर हत्याकांड को पूर्व नियोजित व सामूहिक हमला मानते हुए सभी 16 आरोपियों को भा0 दं0 सं0की धारा- 302 समेत अन्य धाराओं में दोषी करार करते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

माननीय न्यायालय का या निर्णय न सिर्फ पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि समाज को यह संदेश भी देता है कि कानून के साथ कबड्डी खेलने वाले समाज व सरकार के लिए नासूर बन चुके अपराधी किसी भी सूरत में न्यायिक दंड से नहीं बच सकते।